एचआरटीसी पेंशनर्स को मिला मार्च का बकाया, अप्रैल का बाकी है अभी, कोरोना वायरस फंड में दान करेंगे एक दिन की पेंशन

प्रदेश भर के करीब 5500 पेंशनरों को मार्च की पेंशन तो रिलीज कर दी गई है, लेकिन अप्रैल की पेंशन अभी तक नहीं दी गई है। ऐसे में अब पेंशनरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी पेंशनरों ने निर्णय लिया है कि वह एक दिन की पेंशन कोरोना वायरस के फंड में दान करेंगे। वहीं एचआरटीसी पेंशनरों का अभी तक डीए 2015 के बाद जारी नहीं किया गया है।
एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन के प्रधान राजेंद्र पॉल का कहना है कि अब घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। कई बार अधिकारियों से लेकर सरकार तक मांग को उठाते रहे, पर उन्हें आश्वासन ही मिलते रहे। हैरानी की बात तो यह है जो कर्मचारी निगम से 2015 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वह भी पेंशन के लिए तरस रहे हैं। उनको कार्यालयों के चक्कर लगाने के सिवाय कुछ नहीं मिल पा रहा।

इसलिए समय पर जारी नहीं हो रही पेंशन एचआरटीसी अभी करीब 900 करोड़ के घाटे में हैं। इसके महीने का खर्च चलाना निगम प्रबंधन के लिए मुश्किल हो रहा है। निगम की बसों से होने वाली आय का एक भाग जहां बसाें की मरम्मत पर चला जाता है, वहीं वर्तमान में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की सेलरी भी देनी होती है। एेसे में पिछले दो माह से निगम के पास बजट ही नहीं है। एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन का कहना है कि उन्हें पेंशन के लिए हर बार लंबा इंतजार करना पड़ता है। जबकि सभी पेंशन धारकों ने अपने कार्यकाल के दौरान उत्कृष्ट सेवाएं निगम प्रबंधन को दी है। इसके बावजूद भी उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। कर्मचारियों की सैलरी तो समय पर डाल दी जाती है, जबकि पेंशनरों को और लंबा खिंचा जाता है। ऐसे में प्रदेश भर के हजारों पेंशनरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन मांगों को प्रबंधन के सामने रखा।

ये लाभ भी नहीं मिल रहे एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन का कहना है कि उन्हें 5, 10 और 15 प्रतिशत की अतिरिक्त पेंशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। अधिकतर पेंशनर ऐसे हैं, जिनकी पेंशन के माध्यम से ही घर चलता है, लेकिन उन्हें पेंशन मिलने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2015 से उन्हें ग्रेच्युटी अन्य तरह के भत्तों का भुगतान नहीं हुआ है। वहीं, प्रबंधन के अधिकारी सिर्फ इस पर पल्ला झाड़ रहे हैं। अधिकारी कह रहे है कि अभी इसके लिए बजट नहीं हैं। बजट आते ही इस पेंशन दे दी जाएगी।

पेंशनर्स की मांगें

  • दो वर्षो सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को पेंशन के अलावा अन्य भत्ते दिए जाएं।
  • पेंशन का भुगतान राजकोष से किया जाए।
  • समय पर दी जाए पेंशन।
  • वर्ष 2013 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को 47 फीसद महंगाई भत्ते की राशि दी जाए।
  • चिकित्सा बिलों का भुगतान किया जाए।
  • 65-70, 70-80 वर्ष की आयु में पेंशनरों की पेंशन में बढ़ोतरी की जाए।


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